अपने पीछे यादों के निशां छोड़ आये,
मुहब्बतों से भरा वो जहाँ छोड़ आये |
मंजिल पर आकर देखा जो सामान -ए -सफ़र,
हर चीज़ थी, दिले नादाँ छोड़ आये|
जिसने बदल दिया उनवान ज़िन्दगी का,
वो हमनशीं, मेहरबां छोड़ आये|
वादियाँ कोहसार , दश्त-ये पराश , खूबसूरत आबशार,
शाम सुहानी, सुबह ,बहारां छोड़ आये|
रौनक थी जिनके दम से बज्म-ए-हस्ती में "क़सीम"
वो नूर -ए-मुज्जसम , हुस्न -ए- जाना छोड़ आये.
मुहब्बतों से भरा वो जहाँ छोड़ आये |
हर चीज़ थी, दिले नादाँ छोड़ आये|
जिसने बदल दिया उनवान ज़िन्दगी का,
वो हमनशीं, मेहरबां छोड़ आये|
वादियाँ कोहसार , दश्त-ये पराश , खूबसूरत आबशार,
शाम सुहानी, सुबह ,बहारां छोड़ आये|
क्या बताऊँ दोस्तों क्या -क्या छोड़ आये|
तस्कीन -ए- दिल, राहत -ए- जां, छोड़ आये,रौनक थी जिनके दम से बज्म-ए-हस्ती में "क़सीम"
वो नूर -ए-मुज्जसम , हुस्न -ए- जाना छोड़ आये.